उलझनो का दौर भी कुछ ऐसा है कि कुछ भी सुलझाने जाते हैं तो खुद ही उलझ जाते हैं एक डोर खुलती है तो दूसरी फस जाती है एक उलझन सुलझती है तो दूसरी उलझ जाती है जैसे मैं खुद को ही सुलझा रही हूं इस उलझे हुए पेड़ से.... ©SoniSs #उलझन #Problem #Solution