ज़िंदगी हसरतों की धूप तले.... अपना साया तलाश करती है... ख्वाब जो टूटने थे टूट गये ... किस लिए रोज़-ओ-शब् बिखरती है .... दर्द ही क्यूँ अश'आर बनते हैं..... शादमानी कहां भटकती है..... ...Aliem...... #yqaliem #yqbhaijan #hasratein #khwaab