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कदमो कि आहट सुनते ही मैं पीछे मुड़ा देखा इन गलियों

कदमो कि आहट सुनते ही मैं पीछे मुड़ा 
देखा इन गलियों कि यादें अटखेलिया कर रही थी
कुछ सच्चे कुछ झूठे वादे कर रही थी
वो कुछ सपने बुन रही


कहती थी मुझसे
तु वक़्त के पंक्षी कि पीठ पर बैठ
कही उड़ जायेगा
लोट के फिर ना आएगा
जब भी देखेगा पलट के बिखरी यादो से आँखों को भिगोयेगा

22:02:2023

©Sheetal Choudhary #merishayri
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