वैसे तो कोई वजह नही है नाराजगी की बस ज़िद में यूँ ही नाराज हुये बैठे है। गाँव में सब कुछ ही अपना था।। तेरे लिये ही शहर में किराएदार हुये बैठे है।। #Narazgi #किराएदार #जिद