तेरी आंखें, सागर सी गहरी, दरिया सी निर्मल, झील से ठहराव वाली, तारों सी चमकती। तेरी आंखें, जादू सा करती, मुझे खींचती, मन को भटकाती, दिल को छू जाती। तेरी आंखें, नदिया सी चंचल, दरिया सी अल्हड़, बहुत कुछ कहती, बहुत कुछ समेटे। ये दुआ है रब से, के बस यूं ही चमकती रहें, कभी नम ना हो, कभी ना बहें, तेरी आंखें। (दीप दीपक) #TERIAANKHEN #HINDIPOEMS #SADPOEMS #SADPOETRY #HINDIPOETRY #SHAIRY #SADSHAIRY #HINDISHAIRY