नज़र तेरी नज़र मेरी,जो मिल जाये तो क्या गम है, नज़र को तू दिखे न तो,जहां सारा भी ये कम है, है मेरी इल्तेजा इसको,नज़र में तू सदा रखना, कभी तड़पे नज़र मेरी,नज़र तेरी ही मरहम है..!! (Read Full Part In Caption) --(1)-- नज़र तेरी नज़र मेरी,जो मिल जाये तो क्या गम है, नज़र को तू दिखे न तो,जहां सारा भी ये कम है, है मेरी इल्तेजा इसको,नज़र में तू सदा रखना, कभी तड़पे नज़र मेरी,नज़र तेरी ही मरहम है..!! जो मिल जाये नज़राना,मुक्कमल इश्क़ मेरा हो,