इश्क़ ये मानो बहती नदियां, बहे जहां... वहां बहने दे। बीत जाए अरसे फिर चाहे इंतजार में, वो खुश है जहां उसे रहने दे। वक्त का सितम तो होगा ही तुझपे, दिल जो तूने लगाया है। कर दे खामोश अब लबों को अपने, आंसुओ को दर्द की ये दास्तान कहने दे। 🖤🖤... कैसी राह पे... नसीबा खड़ा.... चुप चाप सा तक मुंह मेरा... आधे बादे सा जीना हुआ... रूस गई हां सारी खुशियां...🎼🖤🖤