बंटवारा (check caption) नुदरत ग़म-अंगेज़ नज़ारा देखा है आज, मस्कन में मर्ग़ूब माँ के दामन का वो बंटवारा देखा है आज. लाशों से भरी रेलगाड़ी का निगाहों से गुजरना, नफरतों का खौफनाक नज़ारा देखा है आज. हंसते खेलते परिवारों का सर कलम होना, पलायन का दर्दनाक चेहरा देखा है आज.