किसी से दो अल्फ़ाज़ कहूँ, और उसके दिल में उतर जाउँ...... या फ़िर सच बात कहूँ, और उसके दिल से उतर जाउँ....... सच बात यदि कह दूँ, तो सब कहते हैं बुरा हूँ मैं..... झूठी तारीफ़ों के पुल बाँधू, तो सबकी नज़रों में भला हूँ मैं....... इस सच-झूठ के खेल से, काफ़ी परेशान हूँ मैं....... लोगों के इस ढोंग से, काफ़ी हैरान हूँ मैं....... लोगों की फ़ितरत को, अल्फ़ाज़ों में समेंट लेता हूँ....... और न जाने क्यों, सबको ये लगता है..... कि दुनियादारी से, आज भी अंजान हूँ मैं........ किसी से दो अल्फ़ाज़ कहूँ, और उसके दिल में उतर जाउँ...... या फ़िर सच बात कहूँ, और उसके दिल से उतर जाउँ....... #Words#Heart#Truth#Tensed#Shocked.........