इस दिल कि नगरी में कोई दिलवाले ना मिले पड़े थे पत्थर बहुत पर ऊपरवाले ना मिले कुछ गीन रहे थे मांस तो कोई मजहबी ठप्पा ढूंढ़ा पर मां के आंसुओं को यहां गीननेवाले ना मिले _आnand #दिल्ली