छोटी सी जिंदगी है मेरी थोड़ी सांसे और उधार दे दे। ऐ वक्त ठहर जा कुछ पल दो-चार दिन और साथ दे दे। करने हैं कई काम और निभानी हैं कई जिम्मेदारियां भी। पूरे करने हैं अपने अधूरे सपने और कमाना है नाम भी। ऐ वक़्त ठहर जा अभी, कई काम अधूरे हैं। कुछ चाहत अपनों की, मुझे करने पूरे हैं।। 👉वक़्त कभी किसी के लिए भी नही रुकता ये जानते हुए भी कवित्व का भाव कैसे वक़्त तक से रुकने की गुजारिश कर गुजरता है। आइए आज लिखते हैं कुछ इसी अंदाज को, .... कृपया कोलाब करके Done✔️ कीजिए और अपने दोस्तों को भी कोलाब करने के लिए आमंत्रित कीजिए :-