वो जो कहते थे गांवों में क्या रखा है आज उन्हें भी गांव भा रहा है शहरों की भागदौड़ में कहीं खो गए थे बाहर के खाने के आदी हो गए थे आज उनके चेहरों पर अलग ही चमक है वर्षों बाद मांँ के हाथों की रोटियां खाकर मस्त है एक अरसे बाद उनकी भटकी हुई आत्मा तृप्त है! #शहर #शहरकीगलियाँ #गावँ #कोरोनासंदेश #कोरोना_को_हराना #गावँ_शहर #घरपहुँचते 🤗❣️❣️🇮🇳🇮🇳🙏🙏🙏