दोस्ती एक तु हीं मेरा यार, तुझ से हीं मेरी यारी जब भी रुठे तु, तुझे मैं मनाऊं। दिल से चाहता हूँ तुझे कुछ ना कभी हो जो भी बला आए मुझी पर रुक जाए। हर वक़्त हर लम्हें मैं साथ रहूँ तेरे दुःख हो या दर्द हो मुस्कुरा कर उसे झेले।। एक तु हीं मेरा यार, तुझ से हीं मेरी यारी जब भी रुठे तु, तुझे मैं मनाऊं। एक तु हीं मेरा यार, तुझ से हीं मेरी यारी #dosti #shashinandanshishupoetry