मन ये मन बड़ा जिद्दी है कभी मानता ही नहीं। में इसे पहचानना चाहती हूं मगर ये पहचानता ही नहीं । ख्वाबों,ख़यालो में ये मुझे रोकता है अगर प्यार करूं तो मुझे टोकता है चाह के भी अलग नहीं हो सकती इस मन से क्यूंकि हर गलत वक़्त पर ये ही मुझे रोकता है। मैं