*जब भी मिलते हैं तो कतरा के निकल जाते हैं!* *अब तो मौसम की तरह दोस्त बदल जाते हैं!* *ठोकरें खा के ना सम्भला, तो है तेरी क़िस्मत!* *लोग तो एक ही ठोकर में संभल जाते हैं* *बे हुनर शख्स से मिलकर मुझे एहसास हुआ,* *खोटे सिक्के भी तो बाज़ार में चल जाते हैं!* *खुशबुएं बाँध के रखतीं हैं शजर से रिश्ता,* *शाख रहती है वही फ़ूल बदल जाते हैं!* ©Written By Pravej Sabri #sadnesslifequote #gazal