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*जब भी मिलते हैं तो कतरा के निकल जाते हैं!* *अब तो

*जब भी मिलते हैं तो कतरा के निकल जाते हैं!*
*अब तो मौसम की तरह दोस्त बदल जाते हैं!*
*ठोकरें खा के ना सम्भला, तो है तेरी क़िस्मत!*
*लोग तो एक ही ठोकर में संभल जाते हैं*
*बे हुनर शख्स से मिलकर मुझे एहसास हुआ,*
*खोटे सिक्के भी तो बाज़ार में चल जाते हैं!*
*खुशबुएं बाँध के रखतीं हैं शजर से रिश्ता,*
*शाख रहती है वही फ़ूल बदल जाते हैं!*

©Written By Pravej Sabri #sadnesslifequote
#gazal  Ambika Jha
*जब भी मिलते हैं तो कतरा के निकल जाते हैं!*
*अब तो मौसम की तरह दोस्त बदल जाते हैं!*
*ठोकरें खा के ना सम्भला, तो है तेरी क़िस्मत!*
*लोग तो एक ही ठोकर में संभल जाते हैं*
*बे हुनर शख्स से मिलकर मुझे एहसास हुआ,*
*खोटे सिक्के भी तो बाज़ार में चल जाते हैं!*
*खुशबुएं बाँध के रखतीं हैं शजर से रिश्ता,*
*शाख रहती है वही फ़ूल बदल जाते हैं!*

©Written By Pravej Sabri #sadnesslifequote
#gazal  Ambika Jha