जव शब्द खामोश हो जाऐ तो क्या बोलू जब जुवान लडखडाऐ तो क्या बोलू जीवन की डगर कठिन है बेजुवान हूँ जुवां होते हुऐ भी जब अन्दर हो अनेको सैलाव तो क्या बोलु......