ज़हन में आया कुछ, ये क्या हो रहा है सब कुछ इधर उधर, ये क्या हो रहा है बिना गलती किए सज़ा पा रहे लोग हे! न्यायाधीश, ये क्या हो रहा है हवाएँ ठण्डी पर पत्ते खुश नहीं दरख़्त भी सोचता, ये क्या हो रहा है नवजात बच्ची से दुष्कर्म कर रहे इंसानियत का हाल, ये क्या हो रहा है किसी के दुख में किसी का सुख है 'भारत' देख ज़रा, ये क्या हो रहा है #PoetInMe #ShayarInMe #KaviBhitar #YeKyaHoRhaHai #Kalakaksh