तेरे कंगन में तो दीवानी पिया, तेरे नाम की, तेरे नाम की।। नाक की नथुली, पैरों की पायल। मांग में सिंदूर, आंखों में काजल।। मांथे की बिंदिया पिया, तेरी नाम की, तेरे नाम की।। हाथों में मैंहदी, ये कंगन तुम्हारा। सात फेरो का बंधन हमारा।। सिर पर चुनरिया पिया, तेरे नाम की तेरे नाम की। गले में मंगलसूत्र तुम्हारा,। नाम से आगे गोत्र तुम्हारा।। कमर करधनि पिया, तेरे नाम की तेरे नाम की।। केशो का गजरा, पैरों का महावर। करवा चौथ वृत, तेरा है प्रियवर।। देह में लगी जो हल्दी, तेरे नाम की , तेरे नाम की।। उंगली मेरी ,अंगूठी💍 तुम्हारी। पैरों में स्वामी, चुटकी तुम्हारी।। बेटा और बेटी पिया तेरे नाम की, तेरे नाम की।। कवि रामदास गुर्जर कविता - तेरे नाम की। कवि रामदास गुर्जर भारत देश की सीता सती सावित्री अनसुइया के समान भारत की समस्त नारी शक्ति को करवा चौथ व्रत की बहुत बहुत शुभकामनायें सदा सुहागन रहो। Ruchi Mishra✍️ (Titli 🦋🌹)