कामयाबी की हर डगर जानता हूं मैं तेरे हर एक मुस्कान को पहचानता हूं मैं तुम क्या जान पाओगी क्या है ये शिवेश तेरी ना को भी जो हंसके सीने से लगाता हूं मैं