तेरी सदा .. सुनकर हलकी सी तेरी एक सदा .. सदा की तरह इस बार भी खुद को रोक ना पाया और चलने लगा उन आवाजों के पीछे पीछे ! कुछ दूर चलने के बाद यह एहसास हुआ कि अब इन आवाजों के सुर और उनकी तीव्रता कोलाहल में बदलने लगे हैं ! बस फिर क्या था : उन्हीं रास्तों से लौट आया फिर कभी इन्हें ना सुनने की ख्वाहिशें लिए ! सच तो यह है कि कई आवाजें वक़्त के साथ कुछ यूं बदलती सी सुनाई देती हैं कि हम समझ ही नहीं पाते कि इन आवाजों का सुर बदला है कि हम ही बदल गए हैं ? वक़्त के रफ्तार के साथ हम सब यूं भागने लगे हैं कि इन सुरों की मधुरता सुनने की इच्छा लिए हम कुछ दूर तक चल पाते हैं मीलों दूर नहीं !यह महज हमारे धैर्य की परीक्षा है या जिंदगी के सच को समझने की जरूरत ? .. सच्चाई से मुंह मोड़ने की बजाय अच्छा हो सकारात्मक सोच के साथ उन आवाजों के पीछे पीछे यूं ही उन रास्तों पर बेपरवाह और मस्त हो हम अनवरत चलते रहें .. # Be patient to listen to music of life #