जब ढक लेता है तेरा आंचल, मेरी पलकों की सहर प्रिये। लग जाता है दिल को अक्सर, तेरी नज़रों का ग्रहण प्रिये।। मुस्काती लगती हो अक्सर, तुम जैसे कोई कहर प्रिये। ढक लेती हो जब सूरत अपनी, जैसे चंदा पर ग्रहण प्रिये।। तुम हो जैसे कोई ग्रहण प्रिये। #हिंदी #ग्रहण #शायरी #चंद्रग्रहण #faujikealfaaz #ballpen #kuldeepsharma #yqdidi Collab with YourQuote Didi