पहुंच गई है हजारों में इसे लाख मत होने दो चंद खुशियों की खातिर इसे कुर्बान मत होने दो अभी तो बिगुल बजा ही था वतन की जान की खातिर रुक जाओ घरों में वतन तो राख मत होने दो -DevanshuDubey हम जीतेंगे