गर मैं इश्क़ कहूँ, तुम दशरथ माँझी और फगुनिया समझना मैं छ्ठ कहूँ , तुम ढलते सूरज का पुजारी समझना मैं गणित कहुँ, तुम आर्यभट्ट और आनंद कुमार समझना मैं अखण्ड भारत कहूं तो तुम चन्द्रगुप्त समझना मैं प्रतिशोध कहूं तुम चाणक्य समझना मैं ज्ञानी कहूं तुम महावीर और बुद्ध समझना मैं आजादी कहूं तुम चम्पारण सत्याग्रह समझना और अगर मैं इन सभी शब्दों का सार कहूँ तो तुम बिहार समझना...!! #बिहार_दिवस #Bhiar is our turu lob... ©vishwajeet vishal #Bihar_diwas