छोड़ कर सारे काम हमें संवारती हैँ माँ जब हम हँसते हैँ तब मुस्काती हैँ माँ अगर हम रोते हैँ तो आंसू पोछती हैँ माँ अगर ना खाया हो खाना निवाला प्यार का खिलाती हैँ माँ कहीं कांटे ना चुभ जाये फूल बनकर आती हैँ माँ हर इच्छा को पूरा करने फरिश्ता बनकर आती हैँ माँ कहीं गलत राह ना खींच ले उंगली पकड़कर रास्ता दिखाती हैँ माँ हर दुःख दर्द की हमारे जैसे दवा बन जाती हैँ माँ अगर हो बीमार हम तब रातों की नींद खोती हैँ माँ जोकि बचपन से इतना बड़ा किया गलती करने पर डाटती हैँ माँ फिर अकेली बैठ कर रोती हैँ माँ इंतज़ार हैँ उन्हें उस दिन का कब हम अपने पैरो पर खड़े होंगे इस दिन के लिए रब से दुआ मांगती हैँ माँ हमारी गलतियां को माफ़ कर समझाती हैँ माँ यारो इतनी प्यारी होती हैँ माँ खुदा कभी दर्द ना देना उस सुनहरी तस्वीर को जमाना कहता हैँ माँ जिसको ऐसी होती हैँ माँ.. मेरी कविता