अपने ही घर में फिर से,मेहमान हो गया हूं जब से मिला हूं तुमसे,ख़ुद से अंजान हो गया हूं यूं तो हमें भी बहुत थे,काम ज़िदंगी में भुलाकर सारी दुनियादारी फिर से नादान हो गया हूं हद में ही रहकर हमेशा,इश्क किया है तुमसे आँखों मे पढ़ लो इशारे,मैं बेज़ुबान हो गया हूं बनकर मेरी तमन्ना,तुम कमाल कर रही हो शामिल होकर हर दुआ में,मुझे निहाल कर रही हो सोचता हूं तुमसे मिलकर,कुछ और अब ना सोचूं देखकर तुझमें ख़ुद को,कुछ और अब ना देखूं अलग मेरा पता नहीं है,तेरा पता ही है मेरा मिटाकर ख़ुद को तुझमें फिर से गुमनाम हो गया हूं... © trehan abhishek #इश्क़ #मेहमान #इशारे #पहचान #manawoawaratha #yqdidi #yqrestzone #yqastheticthoughts