बंजारन सी हो गई है जिंदगी भी पर मैं बसना चाहती हूं एक ही शहर में... सुना है आपके शहरों में उलझाने बहुत है!!! ©Pranali S Indrajeet.73 #बंजारनसीहोगईहैजिंदगी #gaon ✍ *Ruchi* ki kalam se✍ #अंजान_लेखक™ कवि गुलशन "श्रृंगार प्रेमी"...✍️