नज़्म - ऐसे भी बस आंखों में रहा, दिल में उतर कर नहीं देखा। कस्ती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखा।।✍️ #राज_वत्स @rajspenned नज़्म - ऐसे भी बस आंखों में रहा, दिल में उतर कर नहीं देखा। कस्ती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखा।।✍️ #राज_वत्स @rajspenned