आई रे बारिश है आई खुशियां ये हजारों है लाई.. .खिल उठे चेहरे बच्चों के किसानों भी चेहरे पर मुस्कान है आई. ..आई रे आई बारिश है आई.... था गर्मी का मौसम अब ठंडक है ये लाई थे परेशान लू लपट से अब चली है ठंडी पुरबाई चेहरे पर देखो केसी ये रौनक है लाई आई रे बारिश है आई... भूल गए अब होली को मन में सावन की बहार है आई भाई बहन के प्यार की बारी है अब आई रक्षाबंधन की खुशियाँ देने लगी दिखाई आई रे बारिश है आई नयनसी परमार