बचपन के दिन बन्दिशो से परे नन्ही सी तितली के नए पंख थे खिले गबरिली सी चिड़िया चहकती थी घर आंगन मे कागज़ की कश्ती लिए दौड़ती थी सावन मे न जाने कैसी हैवानियत की आंधी आई नन्ही सी परी को हवस की अग्नि में झुलसा गई। #yqbaba #yqdidi #yqhindi #hindipoetry #girlsafety #justiceforchaitra #girl #nishtharishi