मौका है मौसम है दस्तूर है बता तू मुझसे कितना दूर हैं यही दूरी तुझे सताएगी जब सर्द रातों में याद मेरी आयेगी फिर ना कहना जमाने से मेरा कसूर है बता तू मुझसे कितना दूर है #dilkikalamse ©SACHIN KASHYAP #kashyapji #shyari