कितनी बार उनसे कहा मेरे साथ रहो, मेरे होकर भी मुझे छोड़ कर इधर-उधर भागते रहते हैं। कभी गुजरे हुए पल में खो जाते हैं, तो कभी आने वाले पल के पीछे भागते हैं। कभी कभी कहीं बस अटक जाते हैं, तो कभी-कभी रास्ता भटक जाते हैं। कभी उन चीजों के पीछे भागते हैं जो मेरी नहीं है, तो कभी उन चीजों के पीछे भागते हैं जो मेरी हो नहीं सकती है। कितनी बार समझाऊं मेरे विचारों को मेरे हो तुम मेरे साथ रहो तुम। #hindipoetry #मेरेसाथरहो #beingwithmyself #mythoughts #selflove #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi