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भले कुछ बरस है पुरानी हमारी मगर कुछ अलग है कहा

भले  कुछ  बरस है  पुरानी  हमारी
मगर कुछ अलग है कहानी हमारी 

सुबूतों की है गर  ज़रूरत  कोई तो 
तेरे  गाल  पर   है  निशानी  हमारी

हमारी  है  ये  उम्र  गुस्ताखियों की 
नए  मोड़  पर   है  जवानी  हमारी

हमारी  नहीं  है  यहां  कोई गलती
वो खुद ही  हुई  है  दीवानी हमारी

©Saad Ahmad ( سعد احمد )
  #ghazal

#SaadAhmad

Anshu writer  Suraj Anand Swechha S Yash Verma Praveen Storyteller