ख़ार-ए-क़िस्मत है मेरी कमली में सजी हुई, मैं तुझे अपनी बाहों में समेटूं तो समेटूं कैसे? ~Hilal . ©~Hilal. Follow Me for best shayri of your life #Khaar #Kaante #baahein