, 💞💞💞💞💞 ©Ankit verma 'utkarsh' जीवन की उबड़-खाबड़ धरा पर, विचलित और सहमी हुई पवन से, कोई उज्ज्वल भविष्य उगना चाहता है, वो खुद का अस्तित्व चाहता है. चलिए प्रारंभ करते है, एक नवीन चलचित्र और सुहावना सा दृश्य, ट्रेन के जरिए.