आज फिर से उसकी याद आई है, आज फिर से मेरी आँख भर आई है, आज फिर मैंने की कहने की कोशिश, आज फिर से मेरी ज़बां लड़खड़ाई है, आज फिर से आफताब तपन पे है, आज फिर से ज़मीं सिकन पे है, आज फिर निकले हैं आंसू आँख से, आज फिर से दिल किसी की लगन पे है, आज फिर से महफ़िल में उनकी बात आई, आज फिर से मेरी ज़बां लड़खड़ाई, आज फिर तन्हाई बढ़ गई मेरी, आज फिर से वो मनहूस रात आई, आज फिर से दिल जुड़ गए अपने, आज फिर से दिन मुड़ गए अपने, आज फिर खो गया हूँ उसकी याद में, आज फिर से होश उड़ गए अपने, आज फिर से अँधेरा आसमाँ में है, आज फिर से रौशनी हवा में है, आज फिर डर रहा हूँ मैं हैदर, आज फिर से कपन मेरे दस्त-ओ-पा में है, आज फिर से उसकी याद आई है, आज फिर से मेरी आँख भर आई है, आज फिर मैंने की कहने की कोशिश, आज फिर से मेरी ज़बां लड़खड़ाई है, ---::::::- हैदरअली खान-::::::--- #Poetry #Purani_Yadein #Nojoto