विप्र हूँ विराग हूँ तमस मद्धम चिराग हूँ । मधुर्य पीव लाग हूँ कुसुम पलव पराग हूँ ।। कनक हूँ किरीच हूँ अन्ध गर्त मीच हूँ । बंजरा का सींच हूँ ब्रह्मविद् दधीच हूँ ।। दीप्ति घृत की आस हूँ, हृद क्षुधा की प्यास हूँ । सोन लव समास हूँ, प्रेयसी की श्वांस हूँ ।। #lovequotes #loveforever #alokstates #essentiallydeep #writingresolution #yqdidi deepti #hindipoetry #missingpiece