मेरे वजूद को उस वक़्त एक नई पहचान मिली, तेरी पहली धड़कन सुन, मुझको नई जान मिली...! रातभर जागकर मुझको सुलाया करती थी। मेरी हर जिद को तुम पूरी किया करती थी। मेरी ज़िंदगी मेरी पहचान हो तुम।। तुम ही मेरी इबादत तुम ही राम हो। कितनी हकीकत लिखूं ,लिखी नही जाती। तुम क्या हो माँ बतायी भी नही जाती।।