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रूकी हैं सांसे, नम है आँखें टूटा है दिल, लब थरथरा

रूकी हैं सांसे, नम है आँखें 
टूटा है दिल, लब थरथराते 
फिर क्यू तरूण से वही सवाल पुछते हो
 और तुम अब भी मुझसे दिल का हाल पुछते हो 
 धड़कनें है नाराज़ मुझसे, चरागा-ए-निशात है गुलशुदा
और तुम अब भी मुझसे दिल के हाल पूछते हो

चरागा-ए-निशात - ख़ुशी/उमंग की रौशनी
गुलशुदा - बुझ चुकी


#Av
रूकी हैं सांसे, नम है आँखें 
टूटा है दिल, लब थरथराते 
फिर क्यू तरूण से वही सवाल पुछते हो
 और तुम अब भी मुझसे दिल का हाल पुछते हो 
 धड़कनें है नाराज़ मुझसे, चरागा-ए-निशात है गुलशुदा
और तुम अब भी मुझसे दिल के हाल पूछते हो

चरागा-ए-निशात - ख़ुशी/उमंग की रौशनी
गुलशुदा - बुझ चुकी


#Av
tarunpuhal9386

Tarun Puhal

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