मैंने रू बा रू कराया था हकीकत से उसे जाने क्या बात हुई मेहबूब खफा हो गया ।। दौर ए नाहक में मांगा जो मैंने हक अपना मेरा हक मांगना जैसे गुनाह हो गया ।। वो कहता फिर रहा है वो अब मेरा नहीं रहा वो कभी मेरा था ही नहीं, अब उसने केह दिया तो क्या हो गया ।। daur e nahaq- nainsafi ka daur roo ba roo - Aamna samna #Nojotohindi #Nojotonews