पुष्पो की माला की डोर हो गया... तेरे पागल से प्रेम में..मैं विभोर हो गया... मेरा दिल...सहज था..सरल था बड़ा... ना जाने कब ये...चितचोर हो गया... हंसी-खेल में जो तुमसे मस्ती करने लगे और तुम्हारे नैनों से जो अश्रु निकलने लगे.. लगा.. हमसे अपराध कोइ घनघोर हो गया.. पुष्पो की माला की डोर हो गया... तेरे पागल से प्रेम में...मैं विभोर हो गया... ©Deepak "dilwala" विभोर हो गया #आशिक़ी #लव #नई #कहानी #कविता #इश्क़ #दिल्ली #मोहब्बत #Nojoto #Lights