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आज कुछ बड़ा पाया था उसने... कैप्शन... आ

आज कुछ बड़ा पाया था उसने...

कैप्शन...





     आज कुछ बड़ा पाया था उसने, जो रात भी गुनगुनाए जा रहीं थीं
चेहरे पर खुशी छलक रही थी सबके, बस मेरी पलकें भीगी जा रहीं थीं

चेहरा खिलता देखा था सबने, आँखें हिरण सी बताईं जा रही थी
पर देख लिया वो दृश्य भी मैंने, जब कीमत मेरी लगाई जा रही थी

बेबस थी सब कारवां देखकर भी, क्यूं मां भी मौन हुए जा रही थी
शायद पढ़ा दिया था बाप ने मेरे, बड़े घर की मैं होने जा रही थी
आज कुछ बड़ा पाया था उसने...

कैप्शन...





     आज कुछ बड़ा पाया था उसने, जो रात भी गुनगुनाए जा रहीं थीं
चेहरे पर खुशी छलक रही थी सबके, बस मेरी पलकें भीगी जा रहीं थीं

चेहरा खिलता देखा था सबने, आँखें हिरण सी बताईं जा रही थी
पर देख लिया वो दृश्य भी मैंने, जब कीमत मेरी लगाई जा रही थी

बेबस थी सब कारवां देखकर भी, क्यूं मां भी मौन हुए जा रही थी
शायद पढ़ा दिया था बाप ने मेरे, बड़े घर की मैं होने जा रही थी

आज कुछ बड़ा पाया था उसने, जो रात भी गुनगुनाए जा रहीं थीं चेहरे पर खुशी छलक रही थी सबके, बस मेरी पलकें भीगी जा रहीं थीं चेहरा खिलता देखा था सबने, आँखें हिरण सी बताईं जा रही थी पर देख लिया वो दृश्य भी मैंने, जब कीमत मेरी लगाई जा रही थी बेबस थी सब कारवां देखकर भी, क्यूं मां भी मौन हुए जा रही थी शायद पढ़ा दिया था बाप ने मेरे, बड़े घर की मैं होने जा रही थी #lifequotes #yqdidi #Rio #aestheticthoughts #yqaestheticthoughts