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गर हो चारों ओर रोशनी तो दिल के अंधेरे कौन देखता है

गर हो चारों ओर रोशनी
तो दिल के अंधेरे कौन देखता है।
लफ़्ज़ों पर वाहवाही करते है लोग,
सीने के ज़ख्म कौन देखता है।
गर दिखे खूबसूरत चांद आसमान में
तो ढलता सूरज भला कौन देखता है।
गैरों में मिले रंगो आब और शानों सौकत
तो अपनों कि जिंदगी फटेहाल कौन देखता है।
श्क्लो सूरत और जिस्म की खूबसूरती 
पर जां लुटाते हैं लोग, रूह की अच्छाई 
और बड़े दिल वालों को कौन देखता है।
लोग बिक जाते है चंद सिक्कों की खनक पर
मेरे दोस्त अब आदमी की इंसानियत को कौन देखता है।

                                                   __Satyprabha💕
                                     __My Life ✍ #light#roshni#love#life
#shayari
✍✍✍✍
गर हो चारों ओर रोशनी
तो दिल के अंधेरे कौन देखता है।
लफ़्ज़ों पर वाहवाही करते है लोग,
सीने के ज़ख्म कौन देखता है।
गर दिखे खूबसूरत चांद आसमान में
तो ढलता सूरज भला कौन देखता है।
गैरों में मिले रंगो आब और शानों सौकत
तो अपनों कि जिंदगी फटेहाल कौन देखता है।
श्क्लो सूरत और जिस्म की खूबसूरती 
पर जां लुटाते हैं लोग, रूह की अच्छाई 
और बड़े दिल वालों को कौन देखता है।
लोग बिक जाते है चंद सिक्कों की खनक पर
मेरे दोस्त अब आदमी की इंसानियत को कौन देखता है।

                                                   __Satyprabha💕
                                     __My Life ✍ #light#roshni#love#life
#shayari
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