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ख्यालो की माला लिए ढ़लते सूरज पर तपता हु लिबाज, सुन

ख्यालो की माला लिए
ढ़लते सूरज पर तपता हु
लिबाज, सुना हु ओढ़े हुए हो 
आजकल अच्छाई की "माही"
मैं...
उसी की तकिया लिये
"पूस की रात"
झेला करता हु

©@mahi #पूस_की_रात
#लिबाज 

#Journey
ख्यालो की माला लिए
ढ़लते सूरज पर तपता हु
लिबाज, सुना हु ओढ़े हुए हो 
आजकल अच्छाई की "माही"
मैं...
उसी की तकिया लिये
"पूस की रात"
झेला करता हु

©@mahi #पूस_की_रात
#लिबाज 

#Journey
anilmahipal5134

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