ख्यालो की माला लिए ढ़लते सूरज पर तपता हु लिबाज, सुना हु ओढ़े हुए हो आजकल अच्छाई की "माही" मैं... उसी की तकिया लिये "पूस की रात" झेला करता हु ©@mahi #पूस_की_रात #लिबाज #Journey