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वक़्त बे वक्त उनका आ जाना डराता है मुझे, बे रूखी भर

वक़्त बे वक्त उनका आ जाना डराता है मुझे,
बे रूखी भरा आलम उनका सताता है मुझे।।

बंद करता हूँ जब भी मैं आँखे अपनी,
मासूमियत से भरा चहेरा उनका नज़र आता है मुझे।।

कल गया था फ़िर लौट उन गलियों में ए दिलरुबा,
जहाँ आज भी साया तेरा सहारा दे जाता है मुझे।।

समंदर सा गहरा है दर्द ए तन्हाई मेरा ए ग़ालिब,
पर रक़ीब की बाँहो में तू बहुत खुश नज़र आता है मुझे।।

भूल गया है  अब अल्फ़ाज़  दिल से नाम तेरा,
बस रह गया है कुछ ऐसा साथ मेरे जो रुलाता है मुझे।।

©Alfaaz Dil se my first gazal

#gazal #Lo  kanishka Diaryreena  POOJA UDESHI Riⷭyⷴaͩ Raⷴjⷴpͮuͦtⷡ Şนrน
वक़्त बे वक्त उनका आ जाना डराता है मुझे,
बे रूखी भरा आलम उनका सताता है मुझे।।

बंद करता हूँ जब भी मैं आँखे अपनी,
मासूमियत से भरा चहेरा उनका नज़र आता है मुझे।।

कल गया था फ़िर लौट उन गलियों में ए दिलरुबा,
जहाँ आज भी साया तेरा सहारा दे जाता है मुझे।।

समंदर सा गहरा है दर्द ए तन्हाई मेरा ए ग़ालिब,
पर रक़ीब की बाँहो में तू बहुत खुश नज़र आता है मुझे।।

भूल गया है  अब अल्फ़ाज़  दिल से नाम तेरा,
बस रह गया है कुछ ऐसा साथ मेरे जो रुलाता है मुझे।।

©Alfaaz Dil se my first gazal

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