जनहित की रामायण- 32 कानून बनाने का मिलता सबको फायदा ! जब सब पर समानता में लागू हो कायदा !! कानून बनाने से पहले होना चाहिये मंथन ! तभी कानून के सर लग पाता हल्दी चंदन !! पहले ही जब हर पहलू पर हो सोच विचार ! कानून बदलना ही ना पड़ता हमें बार बार !! गत सरकारों ने जनहित के बनाये कई कानून ! सरकारें बदल गई फिर भी कायम वो कानून !! सूचना, शिक्षा, भोजन, रोज़गार का अधिकार ! या आदिवासियों का हो वनों पे कुछ अधिकार !! ये सभी कानून कमोबेश आज भी जारी है ! जनहित की ज्योत में इनकी छंटा निराली है !! कुछ कानूनों में जरुरी भी होते है बदलाव ! समीक्षा से समझता अच्छा बुरा प्रभाव !! बाल मजदूरी प्रतिबंधक कानून है दशकों से जारी ! पढ़ने लिखने की उम्र में, पढ़ाने की मंशा है हमारी !! भारी पड़ती इसपे जब गरीबी भूखमरी की हकीकत ! कानून अनुपालन की धज्जियां ही उड़ जाती उसवक्त !! जनलोकपाल का हल्ला-गुल्ला खूब मचा था ! माध्यमों में 17 दिन खबरों का तांडव मचा था !! अब सब को जैसे सूंघ गया है सांप ! सभी मौन है जो बने थे इस कानून के बाप !! अन्ना केजरी बेदी मीडिया सभी है चुप चाप ! सबको लगेगा कलम के अंत:करण का श्राप !! जनहित पताका कलम आदिकाल से फहराती है ! चारों स्तंभ चरमाराने पे कलम ही फ़र्ज निभाती है !! नेताओं ने कलम हिदायतों का करना है सम्मान ! तभी सिर्फ तभी संभव है जन जन का समाधान !! - आवेश हिन्दुस्तानी 2.07.2021 ©Ashok Mangal #AaveshVaani #JanhitKiRamayan #kanoon #JanMannKiBaat