नमी फूलों की शर्माती है देख कर कोमलता तेरे लबों की बदल देते हैं फूलों के रंग परिभाषा रुमानियत की देख कर अंगों की बनावट तेरे बदन की।। ©Mohan Sardarshahari रुमानियत