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मोहब्बत का लगा मेला दर्द की कश्ती लाया हूँ कोई मोल

मोहब्बत का लगा मेला दर्द की कश्ती लाया हूँ
कोई मोल तो  देदे मैं दिल बेचने आया हूँ
किसी ने तोडा नपरत से किसी ने तोडा प्रेम से
किया पीठ पे वार लिटा दिया काँटो  की सेज पे
मैं उनके नाम कैसे लिखू मुझे सबसे मोहब्बत है 
पागलो की दुनिया में महोबत बेचने आया हूँ।

विभिषण सा ना हो भाई कैकई सी ना हो माता
लक्ष्मण सा हो भाई सुमित्रा सी हो माता 
भक्ति हो हनुमान सी पुत्र हो श्रवण सा
रावण हो इंसान में जो स्त्री का सम्मान हो करता
मोहब्बत का लगा मेला दर्द की पुस्तक लाया हूँ 
कोई तो मोल देदे मै जज्बात बेचने आया हूँ

किसी ने छल से जीता है किसी ने जीता है बल से
वो अपनों की सभा थी जब द्रोपदी समान हारा है
क्यों करते हो स्त्री के जीवन पर कटाक्ष तुम
तुम्हारे मन के भीतर भी दुश्षासन छिपा है 
वो राम कयो चुप थे जानकी की अग्नि परीक्षा है
वो स्त्री ही थी जिस ने बेटे को काँधे बाद रण को जीता है
कोई मोल तो दे दे मै मोती लाया हूँ...... #myfavpoetry#nijotohindi
मोहब्बत का लगा मेला दर्द की कश्ती लाया हूँ
कोई मोल तो  देदे मैं दिल बेचने आया हूँ
किसी ने तोडा नपरत से किसी ने तोडा प्रेम से
किया पीठ पे वार लिटा दिया काँटो  की सेज पे
मैं उनके नाम कैसे लिखू मुझे सबसे मोहब्बत है 
पागलो की दुनिया में महोबत बेचने आया हूँ।

विभिषण सा ना हो भाई कैकई सी ना हो माता
लक्ष्मण सा हो भाई सुमित्रा सी हो माता 
भक्ति हो हनुमान सी पुत्र हो श्रवण सा
रावण हो इंसान में जो स्त्री का सम्मान हो करता
मोहब्बत का लगा मेला दर्द की पुस्तक लाया हूँ 
कोई तो मोल देदे मै जज्बात बेचने आया हूँ

किसी ने छल से जीता है किसी ने जीता है बल से
वो अपनों की सभा थी जब द्रोपदी समान हारा है
क्यों करते हो स्त्री के जीवन पर कटाक्ष तुम
तुम्हारे मन के भीतर भी दुश्षासन छिपा है 
वो राम कयो चुप थे जानकी की अग्नि परीक्षा है
वो स्त्री ही थी जिस ने बेटे को काँधे बाद रण को जीता है
कोई मोल तो दे दे मै मोती लाया हूँ...... #myfavpoetry#nijotohindi