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बन कर मीठा स्वभाव से तू, खारेपन को अपने त्याग रे.

 बन कर मीठा स्वभाव से तू,
खारेपन को अपने त्याग रे..!

आलस्य को छोड़ कर,
ख्वाबों के पीछे भाग रे..!

मन का सुकून कहाँ ढूँढे रे,
वो तो तेरे अन्दर है..!

क्यों तलाश तुझे नदियों की,
जब ख़ुद में तेरे समुन्दर है..!

©SHIVA KANT(Shayar)
  #sadak #mnkasukun