अश्क़ चले थे दुनिया में पहचान बनाने हमे क्या मालूम जो पास है वो भी लुटा बैठेगे सोचा था रूठों को मनाएं गे हमे क्या मालूम कि साथ वालों को भी रूठा बैठेगे सचे दिल की कोई कीमत नहीं होती हम लोगो को चीख चीख कर कहते थे लेकिन हमे क्या मालूम कि अपने ही दिल की बोली लगा बैठेंगे अपने ही दिल की कीमत लगा बैठेंगे कीमत लगा बैठेंगे Preet...